Ishwar Hindi kavita ईश्वर
ईश्वर
like Hindi poem
हर पंथ की अपनी आस्था है,
अपना अपना विचार है।
राम कृष्ण ,वामन या कल्कि
हर युग में उसके अलग अवतार है।
अपने अपने मत है सबके भक्ती काल से ही,
कोई तुलसी का सगुण ब्रम्हा
तो ईश्वर कबीर का भी निराकार है।
@साहित्य गौरव
धर्मयुद्ध
एक धर्म युद्ध था सत्य का
ये धर्म युद्ध अस्तित्व का है
खोज पाया न कोई जिसे आज तक
उस अलौकिक तत्व का है...
@साहित्य गौरव
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