Raam-Raam hindi kavita, राम राम
राम राम
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अभिलाषा नही कुछ पाने की,
जो तेरी शरण मिल जाए मुझे।
करूं जाप दिन रात राम का,
बस राम भजन मिल जाए मुझे।
होकर मगन मैं राम धुन में,
निस दिन जपूं सियावर राम,
कृपा जो तेरी मुझे पर होए
तो राम चरण मिल जाए मुझे।
जो तेरी शरण मिल जाए मुझे।
करूं जाप दिन रात राम का,
बस राम भजन मिल जाए मुझे।
होकर मगन मैं राम धुन में,
निस दिन जपूं सियावर राम,
कृपा जो तेरी मुझे पर होए
तो राम चरण मिल जाए मुझे।
@साहित्य गौरव
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महाकाल
कितने अलौकिक स्वरुप है आदिकाल से तेरे,
त्रिपथगा जिसके केश में अर्धचंद्र भाल पे तेरे।
भस्म लपेटे फिरते है जो मुर्दों की अपनी देह पर
आकर्षक जग में कोई न हो महाकाल से मेरे।।
@साहित्य गौरव
हमें उम्मीद है कि आपको हिंदी कविताओं के बारे में हमारा लेख पसंद आया होगा। इस ज्ञान के साथ, हम जानते हैं कि जब आपके पास समय हो तो आप हिंदी कविता पढ़ने का आनंद ले सकते हैं। तो आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं? आज ही कुछ लोकप्रिय हिंदी कविताएँ देखें!
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