निकम्मी सरकार पर कविता - Like Hindi Poem हिंदी कविताएं

निकम्मी सरकार पर कविता


निकम्मी सरकार पर कविता 


भ्रष्टाचार, गरीबी, बढ़ती मंहगाई , बेरोजगारी , शिक्षा स्वास्थ और सड़क साथ ही साथ सरकारी जॉब ये सब भारत में चुनावी मुद्दे हो सकते है परन्तु जनता के सामने इन महत्वपूर्ण मुद्दों की बात न करके नेता जी गैर जरुरी मुद्दों पर लोगो का ध्यान भटका रहे है! पर अब समय आ गया है जब लोगो को ये सोचना पड़ेगा की उनके लिए महत्वपूर्ण क्या हिन्दू मुस्लिम या रोजगार !
@साहित्य गौरव


Berojgar bharat

यह कविता आज की शासन व्यवथा पर एक कटाक्ष है, अवश्य पढ़ें .......


निकम्मी सरकार पर कविता 

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रंग क्रांति का हमेशा लाल होना चाहिए
इंकलाब के हाथों में मशाल होना चाहिए।
कर सके आवाज बुलंद वो,
बेहरे शासन के सामने,
सत्याग्रह की ऐसी ही मिसाल होना चाहिए।

बेरोजगारी के नारों का धमाल होना चाहिए,
खाली पड़े पदों में भर्ती बहाल होना चाहिए।
हिला दे हुकूमत को,
जो अपने मजबूत इरादों से,
नौजवान के खून में वो उबाल होना चाहिए,

@साहित्य गौरव
निकम्मी सरकार पर कविता 
महंगाई से जंग अब फिलहाल होना चाहिए,
गरीबों की थाली में सस्ती दाल होना चाहिए।
झूठे वादे कर के जो,
फिर सत्ता में आ गए
पर्दाफाश नेताओं का ऐसे हरहाल होना चाहिए।


लोकतंत्र में सत्ता से सवाल होना चाहिए,
पत्रकारों के प्रश्नों में वबाल होना चाहिए।
दिखा सके जो जनता को,
खबर जरूरी मुद्दों की,
मीडिया की बस इतनी सी मजाल होना चहिए।


प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति को निहाल होना चाहिए,
स्वास्थ सड़क व शिक्षा का खयाल होना चाहिए।
न दे पाए काम जो,
बदल दे निकम्मी सरकार को
आम जन के वोटो में वो कमाल होना चाहिए।

@साहित्य गौरव
निकम्मी सरकार पर कविता 

हमें उम्मीद है कि आपको हिंदी कविताओं के बारे में हमारा लेख पसंद आया होगा। इस ज्ञान के साथ, हम जानते हैं कि जब आपके पास समय हो तो आप हिंदी कविता पढ़ने का आनंद लें सकते हैं। तो आप किसका इंतजार कर रहे हैं? आज ही कुछ लोकप्रिय हिंदी कविताएँ देखें!

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