ishq ka khumaar
इश्क का खुमार
आप अपने पहले प्यार के बारे में कैसा महसूस करते हैं, इसका वर्णन करने के लिए शब्दों को खोजना मुश्किल हो सकता है, लेकिन हम आशा करते हैं कि इस ब्लॉग पोस्ट ने आपको ऐसा करने में मदद करेगी....
मेरी रंगत में वो अब रंगने लगा है,
बातो में छोटी छोटी वो हंसने लगा है।
खोया सा रहता है अकसर खयालों में ,
खुमार इश्क का उसे भी चढ़ने लगा है।
बेचैन है इतना किस बात से आजकल,
जाहिर करने को भी तरसने लगा है।
सोचता ही रहता है कहे या न कहे ,
दिल की बात करने से वो डरने लगा है।
ये कैसा सुरूर है ये कैसी खुमार हैं,
नशा दीवानगी का धीमे बढ़ने लगा है।
देर न कर अब तू बस आकर के कह दे,
मुझसे बेइंतह मुहब्बत तू करने लगा है।
@साहित्य गौरव
हमें उम्मीद है कि आपको हिंदी कविताओं के बारे में हमारा लेख पसंद आया होगा। इस ज्ञान के साथ, हम जानते हैं कि जब आपके पास समय हो तो आप हिंदी कविता पढ़ने का आनंद ले सकते हैं। तो आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं? आज ही कुछ लोकप्रिय हिंदी कविताएँ देखें!
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